शनिवार, 30 नवंबर 2013

नेपाल की अभिनेत्री पूजा लाम्बा इस्लाम की शरण में

नेपाल की मशहूर अभिनेत्री और मॉडल 31 वर्षीय पूजा लाम्बा ने लगभग तीन साल पहले इस्लाम अपना लिया। उनके इस्लाम अपनाने से भारत और नेपाल के कई लोग हैरत में हैं। बौद्ध परिवार में पली बढ़ी पूजा लाम्बा ने काठमांडू में इस्लाम कुबूल करने का ऐलान किया। पेश है उस दौरान पूजा लाम्बा से हुइ बातचीत के प्रमुख अंश।

किस बात से प्रभावित होकर आपने इस्लाम अपनाया?
मैं बौद्ध परिवार में पैदा हुई। एक साल पहले मैंने दूसरे धर्मों का अध्ययन करने का इरादा किया। मैंने हिंदू, ईसाई और इस्लाम मजहब का तुलनात्मक रूप में अध्ययन किया। विभिन्न धर्मों को समझने और जांचने के दौरान ही मैं कतर और दुबई गई और वहां मैं इस्लामिक सभ्यता से बेहद प्रभावित हुई। इस्लाम की एक बहुत बड़ी खूबी एक ईश्वर को मानना और उसी पर पूरी तरह यकीन करना है। एक ईश्वर को लेकर ऐसा मजबूत यकीन मैंने दूसरे धर्मो में नहीं देखा।
पूरी दुनिया का मीडिया इस्लाम के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा है और इस्लाम को आंतकवाद बढ़ाने वाले धर्म के रूप में पेश कर रहा है। क्या आप मीडिया के इस दुष्प्रचार से प्रभावित नहीं हुई?
सच्चाई यह है कि इस्लाम के खिलाफ मीडिया के दुष्प्रचार के कारण ही मैं इस्लाम को अपना पाई, क्योंकि मैंने अध्ययन के दौरान इस्लाम को मीडिया के दुष्प्रचार के विपरीत एक अच्छा मजहब पाया और अब मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि इस्लाम दुनिया का एकमात्र ऐसा मजहब है जो इंसाानियत और शांति को बढ़ावा देता है और इंसाफ की बात करता है।
आप फिल्मी दुनिया से जुड़ी रही हैं और आपसे जुड़े कई स्कैंडल मीडिया में आए हैं। एक बार तो आपने खुदकुशी करने की कोशिश भी की। आप इन मामलों में कुछ बताएंगी?
मेरी निजी जिंदगी के बारे में नेगेटिव छापकर मुझे  बदनाम करने के मामले में मैं मीडिया को दोष नहीं देना चाहूंगी क्योंकि यह तो मीडिया ने अपना बिजनेस बना रखा है। दरअसल मेरी तीन बार शादी हुई थी। मेरे पहले पति से मेरे एक बेटा है जो मेरी मां के साथ रहता है। मीडिया ने मेरे से जुड़ी बातों को जिस तरह उछाला उसको लेकर मैं सदमे में थी। लोगों को लगता था कि मशहूर होने के लिए मैं ही ऐसा कुछ कर रही हूं। हकीकत यह है कि इस सबके चलते मैं दुखी थी और खुदकुशी करना चाहती थी। इस बीच मैं अपने दोस्तों के साथ धार्मिक किताबें पढऩे लगी और इसका नतीजा निकला कि मैंने इस्लाम अपना लिया। मैं अब अपने गुजरे वक्त को पूरी तरह भूला देना चाहती हूं क्योंकि अब मैं बेहद खुश हूं और सम्मानजनक जिंदगी गुजार रही हूं।
पूजा जी, इस्लाम अपनाने के बाद आपकी जिंदगी में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। आप हिजाब (पर्दा) करती हैं, शराब और धुम्रपान आपने छोड़ दिया है। क्या आप अल्लाह से अपने पिछले गुनाहों की  तौबा कर रही हैं?
प्लीज अब आप मुझे पूजा मत कहिए। पूजा मेरा पुराना नाम था और अब तो मैं आमिना फारुकी हूं। दरअसल इस्लाम अपनाने से पहले मैं बहुत दुखी और तनावपूर्ण जिंदगी गुजार रही थी। शराब और सिगरेट ही मेरा सहारा थी। शराब की इतनी आदी थी कि कई बार कुछ होश ही नहीं रहता था। मैं तनावपूर्ण जिंदगी बसर कर रही थी और मेरी जिंदगी में अंधकार ही अंधकार छाया हुआ था। लेकिन इस्लाम ने मुझे  इन हालात और बुराइयों से उबारा और अब मैंने शराब और सिगरेट पीना छोड़ दिया है। अब मैं इस्लाम के मुताबिक अपनी जिंदगी गुजार रही हूं।
इस्लाम अपनाने के मामले में आप किनसे प्रेरित हुई?
दरअसल बौद्ध धर्म से जुड़े मेरे कुछ कुछ दोस्तों ने इस्लाम अपना लिया था। उन दोस्तों ने जब मुझे  दुखी और परेशान देखा तो उन्होंने मुझे  इस्लाम से जुड़ी बातें बताईं। इस्लाम की शिक्षाओं से मुझे अवगत कराया। मैं इस्लाम का अध्ययन करने लगी। एक बार मैंने अपने दोस्त का इस्लाम पर लेक्चर सुना इससे मैं बेहद प्रभावित हुई। इस लेक्चर ने मेरे दिल की गहराइयों को छुआ। अब मुझे  किसी शख्स से किसी तरह का कोई डर नहीं रहा सिवाय एक अल्लाह के। और फिर मैंने उसी दिन इस्लाम अपना लिया।
इस्लाम अपनाने पर आपके परिवार वालों की क्या प्रतिक्रिया थी?
इस्लाम अपनाने के बाद मैंने दार्जिलिंग, इंडिया में रहने वाले मेरे परिवार को इस्लाम अपनाने की सूचना दी। मेरी मां ने मेरा पूरी तरह सहयोग किया। मेरे परिवार वाले बोले- तुमने सही रास्ता चुना है और अब तुम खुश हो तो हम भी तुम्हें खुश देखकर खुश हैं। मैं अब पूरी तरह बदल गई हूं और मैंने अपनी सारी बुरी आदतों को छोड़ दिया है। मेरे में आए इन बदलावों को लेकर मेरे परिवार वाले बेहद खुश हैं।
 इस्लाम अपनाने के मामले में मीडिया तो यह कर रहा है कि आपको किसी मुस्लिम शख्स से प्यार हो गया और आप उससे शादी कर चुकी है, इसलिए आपने इस्लाम अपनाया है। क्या यह सच है?
यह बेतुकी खबर है। मेरे कुछ मुस्लिम दोस्त हैं। लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं है कि मुझे  उनमें से किसी से प्यार हो गया और मैंने उससे शादी करने की वजह से इस्लाम अपनाया। हां यह जरूर है कि इस्लाम अपनाने के बाद भविष्य में अब मैं किसी मुस्लिम शख्स से ही शादी करूंगी। जब भी मैं शादी करने का निश्चय करूंगी, सबको इसकी जानकारी दूंगी।
साक्षात्कार-अब्दुस्सबूर नदवी
यह साक्षात्कार 6 नवंबर 2010 को साक्षात्कारकर्ता के ब्लॉग पर पब्लिश हुआ था।
http://anadvi.blogspot.in/2010/11/islam-is-very-great-religion-pooja-lama.html

इस्लामी विरोधी डच राजनेता ने अपनाया इस्लाम

क्या ये संभव है कि जीवन भर आप जिस विचारधारा का विरोध करते आए हों एक मोड़ पर आकर आप उसके अनुनायी बन जाएं. कुछ ऐसा ही हुआ है नीदरलैंड में.लंबे समय तक इस्लाम की आलोचना करने वाले डच राजनेता अनार्ड वॉन डूर्न ने अब इस्लाम धर्म कबूल लिया है.
अनार्ड वॉन डूर्न नीदरलैंड की घोर दक्षिणपंथी पार्टी पीवीवी यानि फ्रीडम पार्टी के महत्वपूर्ण सदस्य रह चुके हैं. यह वही पार्टी है जो अपने इस्लाम विरोधी सोच और इसके कुख्यात नेता गिर्टी वाइल्डर्स के लिए जानी जाती रही है

मगर वो पांच साल पहले की बात थी. इसी साल यानी कि 2013 के मार्च में अर्नाड डूर्न ने इस्लाम धर्म क़बूल करने की घोषणा की.
 नीदरलैंड के सांसद गिर्टी वाइल्डर्स ने 2008 में एक इस्लाम विरोधी फ़िल्म 'फ़ितना' बनाई थी. इसके विरोध में पूरे विश्व में तीखी प्रतिक्रियाएं हुईं थीं.
 "मैं पश्चिमी यूरोप और नीदरलैंड के और लोगों की तरह ही इस्लाम विरोधी सोच रखता था. जैसे कि मैं ये सोचता था कि इस्लाम बेहद असहिष्णु है, महिलाओं के साथ ज्यादती करता है, आतंकवाद को बढ़ावा देता है. पूरी दुनिया में इस्लाम के ख़िलाफ़ इस तरह के पूर्वाग्रह प्रचलित हैं."

इंग्लैंड की महिला पुलिस अफसर ने अपनाया इस्लाम

 अट्ठाइस वर्षीय पुलिस अधिकारी जेने केम्प ने घरेलू हिंसा से पीडि़त एक मुस्लिम महिला की मदद के दौरान इस्लामिक आस्था और विश्वास के बारे में जानने का निश्चय किया।  उन्होंने इस्लाम का अध्ययन किया और फिर इस्लाम अपनाकर मुसलमान बन गईं।
दो बच्चों की मां जेने केम्प ने बताया कि पुलिस अधिकारी के रूप में घरेलू हिंसा से पीडि़त एक मुस्लिम महिला की मदद के दौरान उसने इस्लाम को जाना और फिर इस्लाम से प्रभावित होकर इस्लाम कुबूल कर लिया।
इस्लाम के अध्ययन के दौरान केम्प ट्विटर पर कई मुस्लिमों के सम्पर्क में आईं, उनसे कई बातें जानीं और इस सबके बाद उन्होंने अपना कैथोलिक धर्म छोड़कर एक साल पहले इस्लाम धर्म अपना लिया और अब वे पूरी तरह इस्लाम के मुताबिक अपनी जिंदगी गुजार रही हैं। वे एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी के रूप में गश्त पर निकलती हैं लेकिन वे पूरी तरह इस्लामी हिजाब में होती हैं और अपनी ड्यूटी के समय को एडजेस्ट करके वे नमाज पढऩा नहीं भूलती हैं।
सात वर्षीय बेटी और नौ वर्षीय बेटे की सिंगल मदर जेने ने पिछले साल आधिकारिक रूप से इस्लाम अपना लिया और अपना नाम जेने केम्प से अमीना रख लिया। वे अपना  खाना खुद बनाती हैं ताकि वह पूरी तरह हलाल खाना हो।