मंगलवार, 15 सितंबर 2009

कुरआन में मिला,मेरे हर सवाल का जवाब



मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि इस्लाम कबूल करने से पहले मैं किसी भी मुसलमान से नहीं मिला था। मैंने पहले कुरआन पढ़ा और जाना कि कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं है जबकि इस्लाम हर मामले में पूर्णता लिए हुए है।
केट स्टीवन्स अब-यूसुफ इस्लाम इंग्लैण्ड के माने हुए पॉप स्टार
मैं आधुनिक रहन सहन ,सुख-सुविधाओं और एशो आराम के साथ पला बढ़ा। मैं एक ईसाई परिवार में पैदा हुआ। हम जानते हैं कि हर बच्चाकु दरती रूप से एक खास फितरत और और स्वभाव के साथ पैदा होता लेकिन उसके माता- पिता उसको इधर उधर के धर्मों की तरफ मोड़ देते हैं। ईसाई धर्म में मुझे पढ़ाया गया कि ईश्वर से सीधा ताल्लुक नहीं जोड़ा जा सकता। ईसा मसीह के जरिए ही उस ईश्वर से जुड़ा जा सकता है। यही सत्य है कि ईसा मसीह ईश्वर तक पहुंचन का दरवाजा है। मैंने इस बात को थोड़ा बहुत स्वीकार किया,लेकिन मैं इस बात से पूरी तरह सहमत नहीं था। जब मैं मसीह की मूर्तियां देखता तो सोचता यह तो पत्थर मात्र है। इनमें कोई प्राण नहीं। लेकिन जब मैं सुनता कि यही ईश्वर है तो मैं उलझन में फंस जाता और आगे कोई सवाल भी नहीं कर पाता।